जिस फर्जी मुठभेड़ केस में पुलिसवालों पर FIR का हुआ आदेश, उसकी पूरी कहानी क्या है?

संभल कोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ मामले में 12 पुलिसकर्मियों और एक अन्य पर FIR का आदेश दिया है. बहजोई पुलिस पर आरोप है कि उसने जेल में बंद ओमवीर को फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार दिखाया. कोर्ट ने तीन दिन में FIR दर्ज कर जांच मांगी है, हालांकि एसपी ने हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

पुलिस फर्जी मुठभेड़ मामला Image Credit:

संभल जिले की सीजेएम कोर्ट ने कथित फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बहजोई के पूर्व थाना प्रभारी समेत 12 पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं. आरोप है कि एक व्यक्ति को उस डकैती के मामले में आरोपी बनाया गया, जिस वक्त वह जेल में बंद था.

दरअसल, यह मामला ओमवीर नाम के युवक से जुड़ा है, जिसके अधिवक्ता का कहना है कि वह अप्रैल 2022 में बदायूं जेल में बंद था. बावजूद इसके बहजोई पुलिस ने उसे लूट की वारदात में शामिल दिखाकर फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार दर्शाया. पुलिस ने बरामदगी भी दर्शाते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी. वहीं, अब एसपी का कहना है कि वो इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.

क्या था फर्जी मुठभेड़, किस आरोप में हुई कार्रवाई?

पूरी कहानी 25-04-2022 को एक लूट की घटना से शुरू होती है. अर्जुनपुर जूना थाना के रहने वाले दुर्वेश पुत्र वीरपाल अपने गांव से दूध लेकर बहजोई आया था. दूध का पैमेन्ट करीब एक लाख रूपये लेकर वह दोपहर 1. 10 बजे अपने गांव वापस जा रहा था. इस दौरान बाइक सवार दो बदमाशों ने मोटरसाईकिल में टंगे पैसे से भरा थैला लूटकर ले गए.

इसके बाद उसी दिन थाना हाजा पर करीब 14.40 बजे अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की जांच SHO पंकज लवानिया द्वारा तत्कालीन उपनिरीक्षक प्रबोध कुमार को सौंपी गई. फिर इसे तत्कालीन निरीक्षक अपराध राहुल चौहान को सौंप दी गई. इसके बाद 7 जुलाई 2022 को तीन लोगों को लूट में शामिल दिखाकर गिरफ्तार किया था.

11 अप्रैल से 12 जून 2022 तक जेल में बंद था ओमवीर

पुलिस ने 25.04. 2022 में हुई लूट की घटना में प्रार्थी को शामिल दिखाकर चालान कर जेल भेज दिया. जबकि कथित आरोपी 11.04.2022 से 12.05.2022 तक जिला कारागार बदायूं में बंद था. ओमवीर नाम के युवक की जमानत 26.04.2022 को मंजूर हुई थी इसके बाद वह 12.05.2022 को जेल से बाहर आया था. वहीं, 12.07.2022 को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई.

वहीं, अब कोर्ट का मानना है कि जब आरोपी जेल में बन्द था तब वह इस घटना में कैसे शामिल हो सकता है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पुलिस मुठभेड़ को षड्यंत्र कर मामले में झूठा फंसाया जाने और दस्तावेजों की कूटरचना किये जाने के साथ अपने पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया. साथ ही तीन दिन में 12 पुलिसकर्मियों और अन्य पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया.

पुलिस आदेश को चुनौती देगी, FIR दर्ज नहीं होगी- SP

इस मामले में तत्कालीन सीओ गोपाल सिंह, SHO पंकज लवानिया, SI प्रबोध कुमार, इंस्पेक्ट (अपराध) राहुल चौहान, नरेश कुमार, नीरज कुमार, जमील अहमद, सिपाही वरूण, मालती चौहान, आयुष, राजपाल, दीपक कुमार और रूपचन्द्र पर आरोप है. वहीं, एसपी कृष्ण विश्नोई ने साफ किया है कि पुलिस इस आदेश को चुनौती देगी और एफआईआर दर्ज नहीं करेगी.