बाराबंकी: घटना के पांच मिनट पहले हंस रही थी नंदिनी, नाक से निकला खून और हुई मौत
बाराबंकी में 11वीं एक होनहार स्टूडेंट की स्कूल में अचानक सहेलियों से बात करते हुए मौत हो गई. नंदिनी की टीचर ने बताया कि महज कुछ मिनट के अंदर नंदिनी के नाक से खून निकला और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कॉलेज पहुंचते ही बेहोश हुए छात्र की साइलेंट अटैक से मौत की घटना के लगभग 20 दिनों के बाद एक और छात्रा की ठीक वैसे ही अचानक मौत हो गई. कॉलेज में दोस्तों संग बात कर रही छात्रा के नाक से अचानक खून आया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. हादसे के बाद उसके घरवाले सदमे में हैं. घरवालों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया. उधर इस तरह की घटनाओं से कॉलेज व अभिभावक दहशत में आ गए हैं.
मृतक छात्रा की सहेलियों ने बताया कि मरने से ठीक पहले खाना खाते समय उसे कई लंबी-लंबी हिचकियां आई थीं. उसने कहा कि तबीयत खराब लग रही है. पूरी घटना स्कूल में लगे सीसीटीवी में भी साफ देखी जा सकती है.
दरअसल, यह घटना शुक्रवार को शहर के लखपेड़ाबाग स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में हुई. टिकैतनगर नियामतगंज गांव में रहने वाले राजितराम वर्मा की तीन बेटियां सुधा, नंदिनी व सविता शहर के श्रावस्ती नगर में रहकर पढ़ाई करती हैं. इनमें 16 साल की नंदिनी सरस्वती इंटर कालेज में कक्षा 11 की छात्रा है.
लंबी-लंबी आई हिंसचिकयां
साथी छात्राओं ने बताया कि कॉलेज के कक्ष में नंदिनी अपनी सहेलियों के साथ खाना खा रही थी. तभी उसे कई लंबी-लंबी हिचकियां आईं और उसने पानी मांगा. फिर उसने अपनी सहेलियों से तबीयत खराब होने की बात बताई. जिस पर सहेलियों ने उसे आराम करने के लिए कहा. लेकिन, उसने कहा कि उसे अक्सर इस तरह की दिक्कत होती है. अभी वह ठीक हो जाएगी.
इसके बाद सभी पढ़ाई के लिए जाने लगे और नंदिनी घुटनों के बल जमीन पर बेसुध होकर बैठ गई. यह देख वहां पर हड़कंप मच गया. मौके पर जुटा स्कूल स्टाफ अचेत होकर फर्श पर गिरी छात्रा को वाहन से जिला अस्पताल ले जाने लगा. तभी रास्ते में उसकी नाक से खून गिरने लगा. नंदिनी को लेकर सभी जिला हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. चेकअप के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. स्कूल से सूचना मिलते ही घरवाले भी जिला मुख्यालय पहुंच गए. सभी इस घटना के बाद बदहवास थे. घरवालों ने पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया. रोते बिलखते शव को लेकर अपने गांव चले गए.
पांच मिनट पहले हंस रही थी
स्कूल की शिक्षिका सरिता वर्मा ने बताया कि अन्य बहनों की तरह स्वस्थ नंदिनी घटना के पांच मिनट पहले सबसे हंसकर बात कर रही थी. पढ़ने में होनहार छात्रा नंदिनी को हाईस्कूल के परिणाम में कॉलेज में तीसरी रैंक मिली थी. उसका व्यवहार भी हंसमुख था. वह गाने की बहुत शौकीन थी. नंदिनी की सहेलियों ने बताया कि वह पढ़ने में बहुत तेज थी और पढ़ाई में उनकी भी मदद करती थी. आज नंदिनी उनके बीच नहीं है यह उनके लिए यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि नंदिनी को गाने का बहुत शौक था और वह अक्सर उनके साथ अंताक्षरी खेला करती थी. वह बड़ी होकर एनडीए में जाकर देश की सेवा करना चाहती थी.
साथ ही जिला अस्पताल में तैनात सीनियर कंसल्टेंट वीरेंद्र मोहन मौर्या ने बताया कि मोबाइल पढ़ाई में काफी उपयोगी है, लेकिन बच्चों का इसके साथ ज्यादा समय बिताना भी सेहत के लिए ठीक नहीं. नंदिनी को साइलेंट हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना है. अभिभावक बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कराते रहें, मोबाइल से थोड़ी दूरी बनवाएं और उनसे घुल मिलकर दिक्कतों को जानने का प्रयास करें. इससे बच्चे अपने मन की बात कह सकते हैं. बच्चों पर अनायास दबाव न बनाएं.