तापमान का टॉर्चर! सड़कें वीरान, हॉस्पिटल्स में बढ़ी मरीजों की संख्या…कैसे बचें इस गर्मी से?
उत्तर भारत में तेज गर्मी का कहर जारी है. गर्म हवाओं और तेज धूप की वजह से तापमान 45 डिग्री सेल्सियस की सीमा को छू रहा है. लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. सुबह 9 बजे से ही तेज गर्मी शुरू हो जाती है. डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि दोपहर में घरों में रहें, स्ट्रीट फ़ूड से बचें और पर्याप्त पानी पिएं.
पूरे उत्तर भारत में गर्मी अपने प्रचंड रूप में आ गयी है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. हालांकि, मई महीने में हुई बारिश और आंधी से लोग इस बार मई महीने में गर्मी से बच रहे हैं. लेकिन, 6 जून के पार होते ही गर्मी ने एक बार फिर अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया और हालात यह है कि तापमान 44 और 45 डिग्री तक पहुंच रहा है. बढ़ते तापमान की वजह से लोग बिमार पड़ रहे हैं.
दिन में एक समय ऐसा भी आता है जिस समय तापमान इससे भी ऊपर चला जाता है. उस समय सड़कों पर तापमान की वजह से कर्फ्यू जैसा हाल हो जाता है. सड़क और बाजार में वही लोग नजर आते हैं जिन्हें बहुत जरूरी काम बाजार में होता है. लेकिन, हॉस्पिटल्स में इस गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों के कारण मरीजों की लंबी लाइनें लगी हुई है. मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि अभी आने वाले दिनों में गाजियाबाद में गर्मी और बुरा हाल करेगी.
सुबह 9 बजे से ही बढ़ जाती है गर्मी
जून महीने में लोगों को जला देने वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. तापमान है कि सुबह 9:00 बजे से ही लोगों को जलाना शुरू कर देता है. रोजाना काम पर जाने वाले लोग घर से निकलने से पहले गर्मी से बचने के उपाय करके अपने आप को छाते और चादर से ढककर निकलने को मजबूर हो चुके हैं.
जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जाता है आसमान में सूर्य देव अपना रौद्र रूप धारण कर लेते हैं. गर्मी का प्रचंड और तेज हो जाने पर दोपहर मे एक समय ऐसा भी आ आता है जब तापमान 44 – 45 डिग्री को भी पार करके आगे चल जाता है. उस समय सड़क को पर सन्नाटा छा जाता है और जो लोग सड़कों पर होते हैं वह लोग या तो पेड़ों की छांव की तलाश करते हैं या किसी दूसरी तरह से गर्मी से बचने की कोशिश करते हैं.
कैसे गर्मी से बच रहे हैं लोग?
सड़क पर निकलने वाली एक राहगीर से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि जब वह घर से निकलती हैं तो गीला दुपट्टा सिर पर बांधकर बाहर निकलती हैं. इससे वह काफी हद तक गर्मी से बची रहती हैं. इसके अलावा घर से खाना खाकर और एक पानी की बोतल साथ लेकर घर से निकलती है. इसके बावजूद गर्मी के कारण आंखों में जलन गले में जलन और स्किन जलने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है.
इस तेज गर्मी के कारण लोग बड़ी संख्या में अस्पताल में पहुंच रहे हैं. गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों से परेशान लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. लोगों की शिकायत है कि गर्मी के कारण चेहरे आंखों और गले में जलन हो रही है. इसके साथ ही डिहाइड्रेशन और लूज मोशन और बुखार के मरीज भी अस्पताल में भारी तादाद में डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंच रहे हैं.
बढ़ती गर्मी से सरकारी अस्पतालों में ही नहीं प्राइवेट नर्सिंग होम में भी लोग इलाज कराने पहुंच रहे हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर राहुल पोद्दार से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले एक हफ्ते से गर्मी दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है और आने वाले 20-25 दिन गर्मी और बढ़ोतरी हो सकती है.
स्ट्रीट फूड खाने से बचें
डॉक्टर ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह 11:00 से शाम 4:00 बजे तक लोग अपने घरों में ही रहें क्योंकि 11:00 से 4:00 बजे के दौरान गर्मी काफी तेज होती है. इस दौरान अगर कोई घर से बाहर निकलता है तो उन्हें डिहाईड्रेशन और बुखार होने के चांसेस ज्यादा हो जाते हैं. क्योंकि इस दौरान डायरेक्ट सनलाइट शरीर पर पड़ती है, जिससे शरीर के अंदर पानी की भारी कमी हो जाती है. डॉ पोद्दार लोगों को सलाह दे रहे हैं कि स्ट्रीट फूड लोगों को नहीं खाना चाहिए. क्योंकि ज्यादा स्ट्रीट फूड बासी और पुराना होता है. इस वजह से लोग बीमार हो जाते हैं. अगर आप कहीं स्ट्रीट फूड खाते भी हैं तो पहले देख ले कि वहां पर सफाई पूरे तरीके से ठीक है.
दिल्ली एनसीआर में तापमान अर्धशतक लगाने की ओर बढ़ रहा है और लगता है कि आने वाले दिनों में शायद तापमान 50 डिग्री को भी पार कर सकता है. मौसम विभाग ने भी दिल्ली एनसीआर में आने वाले 5 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट चेतावनी जारी की है.