‘BHU के भगवाकरण की तैयारी में है सरकार…’ एक्सक्यूटिव काउंसिल गठन पर विपक्ष ने क्यों कही ये बात

बीएचयू में एक्सक्यूटिव काउंसिल के गठन को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस काउंसिल का गठन वीसी को कामकाज में मदद करने के मकसद से किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इसके लिए बाकायदा 8 सदस्यों के नाम बीएचयू के रजिस्ट्रार को भेज दिए हैं. लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ- साथ सपा सांसद भी इस कदम को BHU के भगवाकरण की तैयारी करार दे रहे हैं. आखिर विपक्ष ने इसके पीछे क्या तर्क दिया है, आपको बताते हैं.

BHU

बीएचयू में 4 साल बाद एक बार फिर एक्सक्यूटिव काउंसिल का गठन होने जा रहा है. लेकिन इसके साथ ही इस फैसले को घमासान मचा हुआ है. इसे लेकर सपा से लेकर कांग्रेस तक गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस काउंसिल के जरिए सरकार बीएचयू के भगवाकरण की प्लानिंग कर रही है. हांलाकि राष्ट्रपति ने इसके लिए सदस्यों के नामों की सूची बीएचयू प्रशासन को भेज दी है.

राष्ट्रपति ने भेजे 8 नाम

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि बीएचयू में एक्सक्यूटिव काउंसिल का गठन हो रहा हो. 2018 में पहली बार इस काउंसिल का गठन हुआ था. जो कि 4 सालों के लिए था. इसके तहत जून 2021 में इस परिषद का कार्यकाल खत्म हो गया. हांलाकि 2021 में इसके फिर से गठन का फैसला नहीं हो सका. लेकिन लगातार उठ रही मांगों और हाईकोर्ट में मामला होने के कारण शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रपति द्वारा नामित 8 नामों को बीएचयू रजिस्टॉर को भेज दिया.

इसीलिए इस परिषद के फिर से गठन करने की बात सामने आई. ये कौंसिल वीसी को विश्वविद्यालय के फैसले लेने में मदद करने वाली है. यानी इसके बाद अब वीसी कोई भी फ़ैसला अब एक्सक्यूटिव कौंसिल की सलाह से ही कर सकेंगे.

BHU में क्या करेगी ये काउंसिल ?

बीएचयू के करीब 35 हज़ार छात्र, 3500 कर्मचारी और 2500 शिक्षकों से जुड़े फैसले में ये कार्यकारी परिषद की अहम भूमिका रहने वाली है. ईसी (कार्यकारी परिषद) में शामिल सदस्यों में पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, महापौर (वाराणसी नगर निगम) अशोक तिवारी, बीजेपी काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, प्रो. ओमप्रकाश भारती (समाजशास्त्र) बीएचयू, प्रो. श्वेता प्रसाद, (समाजशास्त्र) बीएचयू, प्रो. (सेवानिवृत्त) बेचन लाल प्राणी विज्ञान (बीएचयू), और प्रो. (सेवानिवृत्त) उदय प्रताप शाही (रेडियोथेरेपी एवं विकिरण चिकित्सा) के नाम शामिल है.

विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

8 सदस्यों में से 3 बीजेपी नेताओं के होने से विपक्ष इसे लेकर आपत्ति जता रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ- साथ चंदौली से सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी इस कदम को इसे बीएचयू के भगवाकरण का प्रयास करार दिया है. वीरेंद्र सिंह लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार की मंशा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.

विपक्ष का कहना है कि ये देश के इतिहास में में पहली बार हो रहा है कि किसी पॉलिटिकल पार्टी के सदस्यों को शैक्षणिक बोर्ड में शामिल किया जा रहा हो. उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.