कोहरे की चपेट में पूरा UP, लखनऊ में विजिबिलिटी 20 मीटर से भी कम
प्रदेश में कोहरे का कहर जारी है. इस दौरान विजिबिलिटी में भी गिरावट आई. लखनऊ, गोरखपुर, कुशीनगर में दृश्ता शून्य, बहराइच जैसे जिलों में विजिबिलिटी 20 मीटर से भी कम रही. नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में भी दृश्यता 50 मीटर के आसपास पाई गई.
यूपी में इन दिनों भीषण ठंड पड़ने लगी है. पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं में गलन बढ़ गई है. तापमान गिरकर 6 डिग्री तक पहुंच गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की और गिरावट आ सकती है.
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानूमान के मुताबिक प्रदेश में कोहरे का कहर जारी रहेगा. इस दौरान विजिबिलिटी में भी गिरावट आएगी. कई जिलों में दृश्यता 50 मीटर से कम दर्ज किया जाएगा. हालांकि, शनिवार को कोहरे के घनत्व में कुछ कमी जरूर हो सकती है.
इस वजह से यूपी में पड़ रही भीषण ठंड
बता दें पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाएं और पछूआ हवा के यूपी कंपकंपाने लगा. अब दिन में भी गलन महसूस होने लगा है. सुबह और शाम के वक्त कोहरे का भयंकर कहर दिख रहा है. लखनऊ में कोहरे के चलते 17 दिसंबर को होने वाले भारत और दक्षिण अफ्रीका के टी-20 मैच को भी रद्द कर दिया गया है.
दृश्यता में आई तेजी से कमी
मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ, गोरखपुर, कुशीनगर में दृश्ता शून्य, बहराइच में 20 मीटर, फतेहगढ़, बलिया और हरदोई में 30 से 40 मीटर तक दृश्यता रही. नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में भी विजिबिलिटी 50 से कम रही. विजिबिलिटी को लेकर सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे में यदि विजिबिलिटी 50 मीटर से कम होते ही वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी.
कानपुर रहा सबसे ठंडा जिला
पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे कम तापमान कानपुर में रिकॉर्ड किया गया. यहां 6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया. फिर इटावा में 7, बुलंदशहर में 8, लखीमपुर खेरी में 8.2 और हरदोई में 8.5 मिनिमम टेंपरेचर रिकॉर्ड किया. वहीं, अगर अधिकतम तापमान की बात करें तो झांसी सबसे गर्म जिला रहा. यहां 26.7 डिग्री तापमान रहा. फिर प्रयागराज और आगरा में 25.4 और वाराणसी-कानपुर में 25 डिग्री अधिकतम तापमान पाया गया.
ठंड और प्रदूषण का डबल अटैक
बता दें कि अचानक ठिठुरन बढ़ने से दिन में लोग अलाव जलाते दिखने लगे हैं. धूप निकल रही है लेकिन गलन से राहत नहीं दे पा रही है. इस बीच ठंड के साथ पॉल्यूशन भी बढ़ गया है. कई जिलों का एक्यूआई लेवल बेहद गंभीर श्रेणी में है. ऐसे में अस्पताल में श्वसन संबंधी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.