दिल्ली ब्लास्ट: SGPGI छोड़ कानपुर कार्डियोलॉजी क्यों? डॉ आरिफ मीर से ATS के कई सवाल

दिल्ली बम ब्लास्ट आरोपी डॉ. शाहीन से आरिफ मीर के संपर्क सामने आए हैं. आरिफ कानपुर के कार्डियोलॉजी विभाग में रेजीडेंट डॉक्टर है. एटीएस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार किया. आरिफ मीर ने प्रतिष्ठित SGPGI छोड़कर कानपुर कार्डियोलॉजी में दाखिला लिया था.

डॉ. आरिफ मीर ने SGPGI छोड़कर कानपुर कार्डियोलॉजी में दाखिला क्यों लिया? Image Credit:

दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में आरोपी डॉ शाहीन से संपर्क रखने वाले डॉ आरिफ मीर के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. डॉ आरिफ की रैंक इतनी अच्छी थी कि उसको एमडी करने के लिए SGPGI (संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट) मिल गया था. इसके बावजूद डॉ आरिफ ने SGPDI में दाखिला ना लेकर कानपुर के कार्डियोलॉजी में दाखिला लिया.

डॉ आरिफ ने यह फैसला क्यों लिया, यह रहस्य बना हुआ है. क्या इस फैसले के पीछे कोई आतंकी कनेक्शन था? क्या इसके लिए उसको शाहीन ने बोला था? कानपुर में उसकी गतिविधियों की जांच जारी है, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. यूपी एटीएस ने बुधवार को डॉ आरिफ को कानपुर से गिरफ्तार किया था.

शाहीन शाहिद से संपर्क में था डॉ आरिफ मीर

दिल्ली में हुए आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद कोई साधारण चिकित्सक नहीं, बल्कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की पूर्व प्रोफेसर और जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कथित प्रमुख हैं. जांच में खुलासा हुआ कि वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड गठित करने की फिराक में थी.

सूत्रों के अनुसार डॉ. शाहीन ने 2006 में GSVM के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यभार संभाला था. UPPSC से चयनित होने के बाद वह 2013 तक प्रोफेसर रहीं. 2009 में छह महीनों के लिए उनका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज किया गया, लेकिन 2010 में वापस कानपुर लौट आईं.

कॉलेज रिकॉर्ड के अनुसार, 2013 में अचानक बिना सूचना के अनुपस्थित हो गईं. प्रशासन ने कई नोटिस भेजे, सहकर्मियों ने संपर्क की कोशिश की, मगर कोई जवाब नहीं मिला. आखिरकार 2021 में शासन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया. इस बीच डॉ शाहीन से संपर्क रखने वाले डॉ आरिफ मोहम्मद को एटीएस ने बुधवार रात को उठा लिया.

शाहीन से SMS के जरीए करता था बात

डॉ आरिफ कार्डियोलॉजी से एमडी की पढ़ाई कर रहा था. जानकारी के अनुसार उसने नीट के माध्यम से 2024 में दाखिला लिया था. अगर सूत्रों की माने तो डॉ आरिफ लगातार डॉ शाहीन से संपर्क में था और एसएमएस से बात किया करता था. डॉ आरिफ मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है और यहां पर शहर में एक कमरा भी लेकर रह रहा था.

जानकारी के अनुसार कुल 4 छात्र ऐसे है जो कश्मीर के रहने वाले है और कार्डियोलॉजी से पढ़ाई कर रहे है. आरिफ ने बुधवार को भी एमरजेंसी में काम किया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएस ने डॉ आरिफ को पकड़ा है और अपने साथ ले गई. कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि डॉ आरिफ मात्र तीन चार महीने पहले ही आया था.

कानपुर में किसी से संपर्क करना था मकसद?

कार्डियोलॉजी प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉ आरिफ की रैंक राष्ट्रीय स्तर पर 1008 आई थी जो काफी अच्छी रैंक मानी जाती है. इसीलिए डॉ आरिफ को एसजीपीजीआई जैसा संस्थान एमडी की पढ़ाई के लिए मिल गया था. इसके बावजूद आरिफ ने वहां दाखिला नहीं लिया और दुबारा काउंसलिंग के माध्यम से कानपुर के कार्डियोलॉजी में दाखिला लिया.

अब सवाल इस बात का उठ रहा है कि आखिर एसजीपीजीआई जैसे संस्थान को छोड़कर डॉ आरिफ कानपुर क्यों आना चाहता था? क्या इसके लिए उसको शाहीन ने बोला था? क्या उसको कानपुर में किसी से संपर्क करना था? ऐसे बहुत से सवाल है जिनका उत्तर मिलना अभी बाकी है.