ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर कानपुर के पास बसाया जाएगा ‘ग्रेटर कानपुर’, 5000 करोड़ की योजना तैयार

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर के विकास की रफ्तार अब और तेज होने जा रही है. ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर अब कानपुर के आउटर रिंग रोड के दोनों ओर ‘ग्रेटर कानपुर’ बसाने की तैयारी शुरू हो गई है. यह न केवल शहर के ट्रैफिक दबाव को कम करेगा, बल्कि रोजगार, पर्यटन और आवास जैसे क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा. तकरीबन 5000 करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस योजना की जिम्मेदारी केडीए को सौंपी गई है.

कानपुर में विकास की तैयारी (सांकेतिक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर कानपुर के बाहर ग्रेटर कानपुर बसाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. यह ग्रेटर कानपुर, आउटर रिंग रोड के दोनों तरफ बसाया जाएगा. इससे ना सिर्फ शहर को ट्रैफिक से मुक्ति मिलेगी बल्कि, पर्यटन क्षेत्र भी विकास की ओर आगे बढ़ेगा. साथ ही नई कामों की वजह से यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

इसके लिए जमीन के चिन्हीकरण का काम शुरू कर दिया गया है. तकरीबन 5000 करोड़ रुपए में ग्रेटर कानपुर को बसाने की प्लानिंग की गई है. जमीन के लिए खतौनियों की जांच की जा रही है और योजना का खाका भी तैयार हो रहा है. जमीन विवादित ना हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है, ताकि आने वाले समय में इसको लेकर किसी तरह का कोई विवाद ना पैदा हो.

क्यों ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बसाया जा रहा?

लखनऊ के पास होने के बावजूद कानपुर का विस्तार रुक सा गया है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि कानपुर का शहरी क्षेत्र सीमित होकर रह गया है. इस वजह से इस शहर का विस्तार नहीं हो पाया. सुविधाओं के अभाव में लोग कानपुर के बाहरी क्षेत्र में नहीं जाना चाहते हैं और इसकी वजह से शहर के मुख्य क्षेत्रों के दाम अनाप-शनाप बढ़ते चले जा रहे हैं. इन सबसे निजात पाने के लिए ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर ग्रेटर कानपुर बसाने की योजना बनाई जा रही है.

केडीए को सौंपी गई जिम्मेदारी

कानपुर के चारों तरफ बन रही आउटर रिंग रोड के दोनों तरफ ग्रेटर कानपुर बसाने की योजना है. इसके लिए केडीए को जिम्मेदारी दी गई है जो जमीन अधिग्रहण के लिए चिन्हीकरण का काम शुरू कर चुकी है. इसके लिए केडीए मुख्य तौर पर भीमसेन और नारामऊ में जमीन चिह्नित कर रहा है. ग्रेटर कानपुर को बसाने के लिए लगभग चार हजार एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी. इसकी कुल लागत तकरीबन पांच हजार कर आने की संभावना है.

ग्रेटर कानपुर को मधना से भौति के बीच विकसित करने की योजना बनाई गई है. ग्रेटर कानपुर से जहां एक ओर शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी वहीं, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित होने से रोजगार के भी कई अवसर लोगों को प्राप्त होंगे. इसके साथ ही आवासीय योजना का लाभ भी लोगों को मिलेगा.