मरीज की तबीयत बिगड़ते ही बजेगी डॉक्टर की घंटी, मिलेगा क्विक रेस्पांस; इस हॉस्पिटल में बनेगा UP का पहला AI वार्ड

कानपुर के हैलट अस्पताल में उत्तर प्रदेश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वार्ड बनाया रहा है. यह वार्ड मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी AI सेंसरों द्वारा करेगा और किसी भी गंभीर बदलाव पर तुरंत डॉक्टरों को सूचित करेगा. इससे रात के समय मरीजों को बेहतर देखभाल और त्वरित उपचार मिलेगा, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी.

कानपुर के हैलट अस्पताल में बनेगा एआई वार्ड

कानपुर के मेडिकल कॉलेज से संबंध लाला लाजपत राय यानी हैलट हॉस्पिटल जल्द ही AI टेक्नोलॉजी से लैस होने जा रहा है. अब इस अस्पताल में भर्ती मरीजों को डॉक्टर का इंतजार नहीं करना होगा. बल्कि मरीजों की आवश्यकता के मुताबिक अपने आप डॉक्टर की घंटी बज जाएगी. इसके तत्काल बाद क्विक रेस्पांस टीम मरीज के पास होगी. इससे मरीजों को तबीयत बिगड़ने पर तत्काल राहत और उपचार मिल सकेगा. इसके लिए कानपुर के हैलट अस्पताल में उत्तर प्रदेश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) वार्ड बनाया जा रहा है.

इस तरह की सुविधा उत्तर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पहली बार शुरू की जा रही है. इस सुविधा के तहत खास तौर पर रात के समय अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग की जाएगी. अभी तक उत्तर प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों की रात के समय उचित देखभाल की ठोस व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में मरीज की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों डॉक्टर या वार्ड बॉय की तलाश करने लग जाते थे. लेकिन नई व्यवस्था में इस झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.

समय रहते मरीजों को मिलेगा उपचार

अब मरीज के स्वास्थ्य में थोड़ी भी गिरावट आएगी तो अपने आप डॉक्टर और वार्ड बॉय व नर्स के पास अलार्म बज जाएगा. इससे वह तुरंत मरीज को इमरजेंसी इलाज उपलब्ध करा सकेंगे और समय रहते इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकेगी. अधिकारियों के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सेंसर सजग प्रहरी की तरह काम करेंगे. यह एआई मरीजों की हालत में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रखेगी और पल-पल की रिपोर्ट डॉक्टर को देती रहेगी.

मेक इन इंडिया के तहत बना AI सिस्टम

मेक इन इंडिया के तहत तैयार यह एआई सिस्टम बनाने वाली कंपनी का प्रस्ताव जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया है. अस्पताल की मीडिया प्रभारी डॉ. सीमा द्विवेदी के मुताबिक फिलहाल अस्पताल के वार्ड नंबर तीन को एआई वार्ड बनाया जा रहा है. इसमें 10 बेड पर सेंसर लगेंगे. यह सेंसर मरीज के हर अंग की मॉनिटरिंग करेंगे और पूरी रिपोर्ट बेड पर ही लगे स्क्रीन पर डिस्प्ले होता रहेगा. इसी प्रकार सीएसआर फंड से सेंसर युक्त 10 मैट्रेस आयेंगे.