एक दरोगा की दो पत्नियां, मौत हुई तो दोनों में छिड़ गई महाभारत; फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं ये कहानी

लखनऊ में एक दरोगा की संदिग्ध मौत के बाद उनकी दो पत्नियों में विवाद छिड़ गया है. दोनों पत्नियों ने शव पर दावा किया और अपने क्लेम को प्रमाणित करने के चक्कर में हाथापाई की. ऐसे हालात में पुलिस ने शव दरोगा के पिता को सौंप दिया है. इसी क्रम में पहली पत्नी के बेटे ने दूसरी पत्नी पर स्लो पॉइजन देकर हत्या का आरोप लगाया है.

लखनऊ में दरोगा का शव लेने के लिए दो पत्नियों में टकराव

एक दरोगा था, उसकी दो पत्नियां थीं, संयोग से दरोगा की मौत हो गई और फिर… ये कहानी आपको फिल्मी लग सकती है, लेकिन हकीकत है. मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है. जिस दरोगा की मौत हुई है, वह मूल रूप से मछलीशहर जौनपुर के रहने वाले थे और यहां अपनी दूसरी बीवी और उसके दो बच्चों के साथ रहते थे. जबकि उनकी पहली पत्नी अपने चार बच्चों को लेकर गांव में रहती है. दो दिन पहले दरोगा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया.

असली बवाल पोस्टमार्टम के बाद शुरू हुआ. दरअसल पोस्टमार्टम के बाद शव पर क्लेम दोनों पत्नियों ने कर दिया. यही नहीं, दोनों पक्ष ने पोस्टमार्टम हाउस में एक दूसरे से गाली गलौज किया और हाथापायीं की. ऐसे में दुविधा में फंसी पुलिस ने शव दरोगा के पिता को हैंडओवर किया. इसके बाद दरोगा के पिता ने शव गांव ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन अब दरोगा के पहली पत्नी के बेटे और दूसरी पत्नी के बेटों के बीच टकराव शुरू हो गया है. पहली पत्नी के बेटे ने आरोप लगाया है कि दूसरी पत्नी के बेटे ने उसके पिता को स्लो पॉइजन दिया था.

पोस्टमार्टम हाउस में ही भिड़े दोनों पक्ष

चूंकि मामला पेंचीदा हो गया है. इसलिए आइए शुरू से समझने का प्रयास करते हैं. लखनऊ पुलिस के मुताबिक उरई जिले में तैनात दरोगा संजय कुमार पाठक (54) की सोमवार की रात तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई. घटना के वक्त वह अपनी दूसरी पत्नी के पास थे. सूचना मिलने पर पहली पत्नी की ओर से कुछ आरोप लगाए गए. ऐसे में पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया. फिर शव हैंडओवर करने के लिए परिजनों को बुलाया गया तो संजय की दोनों पत्नियां पहुंच गई और अपना अपना क्लेम जाहिर करने हुए पहले कहासुनी और फिर मारपीट करने लगीं.

सामने आई ये कहानी

पुलिस के मुताबिक संजय कुमार पाठक ने दो शादियां की थी. पहली पत्नी चंद्रकुमारी पाठक जौनपुर में अपने चार बच्चों के साथ रह रही थी. इस बीच संजय ने चंद्रकुमारी को तलाक दिए बिना साल 2016 में लखनऊ के आदिलनगर में रहने वाली आराधना अंसारी से शादी कर ली. फिर आराधना से भी उनके दो बच्चे हुए. चंद्रकुमारी को अपने पति की दूसरी शादी की जानकारी तब हुई, जब संजय ने दस्तावेजों में उसका नाम चढ़वा दिया. इसके बाद भी सबकुछ शांति पूर्वक चलता रहा, लेकिन सोमवार को संजय की मौत के बाद एक बार फिर दोनों परिवार आमने सामने आ गए.

स्लो पॉइजन के आरोप से सनसनी

गुडंबा थाना प्रभारी प्रभातोष श्रीवास्तव के मुताबिक दोनों पत्नियों के विवाद को देखते हुए उन्होंने संजय के पिता दयाशंकर पाठक को शव हैंडओवर किया है. उधर, संजय के दाह संस्कार के बाद उनकी पहली पत्नी के बेटे ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उसके पिता को स्लो पॉइजन दिया जा रहा था. कहा कि उनके पिता ने बिना तलाक दिए चुपके से दूसरी शादी की थी. इस संबंध में उरई के पुलिस अधीक्षक को शिकायत भी दी गई थी. इस शिकायत की जांच अभी लंबित है. इन आरोपों का जवाब आराधना ने भी दिया है. कहा कि संजय की मौत तबीयत बिगड़ने से हुई है. अराधना के मुताबिक वह संजय की वैध पत्नी है.