ED-CBI की राह चली UP पुलिस, गिरफ्तारी के लिए लागू हुआ ये पैटर्न; जानें क्यों DGP ने लिया फैसला
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई प्रक्रिया लागू की है. यह प्रक्रिया ईडी और सीबीआई के समान होगी, जिसमें एक पूर्व निर्धारित प्रारूप में गिरफ्तारी की जानकारी दर्ज करनी होगी. इससे पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. हर जिले में एक अधिकारी सभी गिरफ्तारियों का विवरण रखेगा. यह कदम हाईकोर्ट की फटकार के बाद उठाया गया है.

किसी भी मुकदमे में आरोपियों की गिरफ्तारी में अब पुलिस की मनमर्जी नहीं चलेगी. बल्कि अब पुलिस को किसी की भी गिरफ्तारी से पहले ईडी-सीबीआई की तरह एक पैटर्न पर काम करना होगा. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के तहत हर जिले में एक अधिकारी ऐसा होगा, जिसके पास सभी गिरफ्तारियों का पूरा विवरण उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए इस तरह के सुधार किए जा रहे हैं.
प्रदेश के सभी पुलिस कमिश्नर और कप्तानों को जारी आदेश में डीजीपी ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस टीम को एक निर्धारित प्रारूम में मेमो भरना होगा. इसमें गिरफ्तारी का कारण, मुकदमे का विवरण एवं अन्य जरूरी बातें दर्ज होंगी. यह पूरा विवरण जिला कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित होगा. अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस को गिरफ्तारी के ही एक मामले में हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक मुकदमे में वांछित मंजीत सिंह उर्फ इंदर को गिरफ्तार किया था.
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- बीएनएसएस) की संबंधित धाराओं का उल्लंघन किया था. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो वहां कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए गिरफ्तारी निरस्त कर दी थी. इसके बाद ही डीजीपी ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया तय करने के लिए एक समिति का गठन किया और अब उसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर एक पैटर्न तय किया है. इस पैटर्न के मुताबिक जिस प्रकार से ईडी और सीबीआई किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है, ठीक उसी तरह से यूपी पुलिस भी करेगी.
गिरफ्तारी के लिए अब ये होगी प्रक्रिया
पुलिस किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी को नए प्रोफार्मा में 16 में दर्ज करेगी. इसमें गिरफ्तारी का कारण, समय, स्थान, और आरोपी की पहचान आदि दर्ज किया जाएगा. प्राफोर्मा भरने के बाद दो गवाहों के हस्ताक्षर भी लेने होंगे. पारदर्शिता कायम रखने के लिए आरोपी को भी यह पूरा विवरण बताया जाएगा. इसी क्रम में हर जिले में एक अधिकारी की नियुक्ति होगी, जो गिरफ्तारी का विवरण रखेगा. इसी तरह की प्रक्रिया सीबीआई और ईडी भी अपनाती रही है. डीजीपी राजीव कृष्ण के मुताबिक यह कदम न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक जवाबदेह बनाएगा, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित करेगा.



