
संविदाकर्मियों का नहीं होगा शोषण, ‘आउटसोर्स निगम’ पर सियासी रण?
देश-प्रदेश में वैसे तो हर विभाग की बुनियाद हैं ये कर्मचारी लेकिन सरकारों ने कभी इनके दर्द को शायद सही से नहीं समझा. अब सरकार के ‘आउटसोर्सिंग सेवा निगम’ की मंजूरी पर भी सवाल ये है कि, इस पहल के मायने क्या हैं. क्या आयोग बन जाने से कम हो जाएगा इनका शोषण. क्या आयोग का ऐलान कर्मचारियों के लिए बनेगा वरदान.संविदा और आउटसोर्सिंग के नाम पर सालों से चल रहा शोषण भी किसी से छिपा नहीं हैं, सेलरी और सुविधाओं के नाम पर सबकुछ शून्य सरीखा ही होता है, नौकरी-रोजगार की कोई पक्की गांरटी नहीं लिहाजा संविदाकर्मियों के लिए अब योगी सरकार ने बड़ी पहल की है. उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में एक नई आउटसोर्सिंग नीति को मंजूरी दी गई है?